शिक्षा, बुद्धि, धारणा शक्ति तथा विद्या की प्राप्ति हेतु सरस्वती मंत्र Saaswati Mantra
देवी सरस्वती को हिन्दू
धर्म की प्रमुख देवी माना जाता है | वे विद्या, बुद्धि, साहित्य, संगीत और कला की
देवी हैं | इनकी आराधना – उपासना से बुद्धि तीव्र होती है, मानसिक जड़ता दूर होती
है और धारणा शक्ति बढ़ती है |
देवी सरस्वती का बीज मंत्र ऐं है | इस बीज मंत्र से युक्त
प्रभावशाली मंत्र है – ऐं श्री सरस्वत्यै नमः देवी सरस्वती के इस मंत्र का निष्ठा तथा
विश्वास के साथ जप करने से जपकर्ता की बुद्धि तीव्र होती है, विवेकशक्ति और तार्किक योग्यता का विकास होता
है, वाणी प्रभावशाली हो जाती है , धारणाशक्ति बढ़ती है और परीक्षा में सफलता मिलती
है | इस मंत्र के जप करने की विधि इस प्रकार है –
दैनिक कार्य से निवृत होकर पूर्व या उत्तर
दिशा की तरफ मुंह करके ऊन के आसन पर बैठ जायें .
अपने सामने देवी सरस्वती का
चित्र रखें। मन ही मन सरस्वती का ध्यान करें कि देवी जिसने श्वेत वस्त्र धारण कर
रखें हैं जिसके हाथ में वीणा और पुस्तक हैं . जो श्रेष्ठ कमल के फूल का आसन
ग्रहण करती है ।
ब्रह्मा, विष्णु
और महेश आदि देव जिनकी स्तुति करतें हैं ऐसी देवी सरस्वती मेरी बुद्धि को निर्मल
बनायें व तीक्ष्ण करें . मेरी मानसिक
जड़ता को दूर करें और मेरी धारणा शक्ति को बढायें .
इस
प्रकार ध्यान करने के बाद देवी सरस्वती के मंत्र - ऐं श्री सरस्वत्यै नमः का पांच, सात या ग्यारह माला का जप करें
जितना ज्यादा जप होगा उतना ही फलदायक हैं |
जप
के बाद आँखें बंद करके पांच मिनट तक मन ही मन भावना करें कि देवी सरस्वती आपकी प्रार्थना
को स्वीकार कर रही हैं, आपके ऊपर देवी की कृपा की वर्षा हो रही हैं।
आपकी बुद्धि निर्मल और तीक्ष्ण हो रही है |